अपना क्या है इस जीवन में,सब कुछ लिया उधार…सारा लोहा तुम लोगों का ,अपनी केवल धार…
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छग के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य पर ईडी ने शिकंजा कसा है,ई डी ने 14 ठिकानों पर रेड की है, छापेमारी, शराब घोटाले से जुड़े मामले में की गई है,इसी मामले में विधा यक,पूर्व शराबमंत्री क़वासी लखमा अभी जेल में हैं।कथित शराब घोटाले को लेकर आरोप है कि 2019 -2022 के बीच खजाने से करीब 2,161 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई,ईडी के मुताबिक जांच के दौरान एजेंसी को ऐसे सबूत मिले हैं,जिनका संबंध चैतन्य बघेल से है।एजेंसी ने सबूतों को तलाशी का आधार बताया है। ईडी की जांच में सीनियर ब्यूरोक्रेट्स, राज नेताओं,आबकारी विभाग के अधिकारियों से जुड़े एक नेटवर्क का भी पता चला है।ईडी ने जुलाई 2023 में अभियोजन शिकायत दर्ज की, जिसमें रायपुर के पूर्व मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, छग सीएसएमसीएल के एमडी अरुणपति त्रिपाठी जैसे प्रमुख व्यक्तियों का नाम शामिल था।एजेंसी ने दावा किया कि इन लोगों ने ही घोटाले को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई, जिसमें खरीद प्रक्रियाओं में हेरफेर करना, चुनिंदा शराब निर्माताओं से कमीशन लेना शामिल था,घोटाले मामले में एक्शन लेते हुए एजेंसी ने व्यापारियों,पूर्व ब्यूरो क्रेट्स सहित अलग-अलग आरोपियों से जुड़ी करीब 205 करोड़ की संपत्तियां जब्त की हैं, संपत्तियों में चल-अचल दोनों शामिल हैं।
छ्ग का बजट साढ़े 3 हजार करोड़ से
1.65 लाख करोड़ तक…..

मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद पहले सीएम अजीत जोगी ने छ्ग का पहला बजट पेश किया था।2001 में पहला बजट साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये का था, जो अनुपूरक को मिलाकर पांच हजार 705 करोड़ ₹ का हुआ। वर्ष 2014-15 में बजट का आकार पहली बार 50 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंचा।अनुपूरक को मिला इसका कुल आकार 54 हजार710 करोड़ ₹ हुआ था।यह 2013-14 की तुलना में 24% बड़ा था। 2018 में डॉ. रमन सिंह ने जब अपनी सरकार का अंतिम बजट पेश किया तब इसका आकार 83 हजार 179 करोड़ ₹ तक पहुंच गया था।सीएम एवं वित्तमंत्री भूपेश बघेल ने 2019 में अपना पहला बजट 90 हजार करोड़ से अधिक का पेश किया। 20 22-23 में इसका आकार 1लाख 4 हजार करोड़ ₹ हो चुका है। सीएम भूपेश बघेल ने 1 लाख 5 हजार करोड़ का बजट पेश किया था।2023-24 में 1लाख 12 हजार 708 करोड़ का बजट सीएम,वित्तमंत्रीभूपेश बघेल ने प्रस्तुत किया।ये उनके कार्यकाल काआख़री बजट था।प्रदेश में विष्णु देव सरकार बनने के बाद 2024 में वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने 1,47,440 करोड़ का बजट पेश किया तो इसी साल 2025 के लिये 1.65 लाख करोड़ का बजट प्रस्तुत किया है।
छ्ग की नौकरशाही में
अभी कौन है भारी….


छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक गालियारे में यह चर्चा आम है कि नौकरशाही में अभी सबसे मजबूत अफसरों में कौन कौन है…। छ्ग की पहली पूर्ववर्ती अजीत जोगी की सरकार में कोई नौकरशाह मजबूत स्थिति में नहीं था क्योंकि जोगी खुद आईपीएस,आईएएस अफसर रहे थे।डॉ रमन सरकार में अमन सिंह,विक्रम सिसोदिया की ‘फूल’ चलती थी।इधर भूपेश बघेल की सरकार बनी तो प्रशासनिक सेवा की सौम्या चौरसिया की एकतरफ़ा चलती थी!ईडी के छापे,गिरफ्तारी, उनके जेल जाने के बाद भाजपा शासन में नान घोटाले में चर्चा में अनिल टुटेजा की भी एकतरफ़ा चली।हालांकि पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड की भी कम नहीं चलती थी,अफसरों की पदस्थापना में उनकी राय महत्वपूर्ण होती है जहाँ तक पुलिस महकमें की बात है आईजी आरिफ शेख, सरकार के आंख- कान बने हुए थे,आईजी डॉ आनंद छाबड़ा की भी राय भी महत्वपूर्ण मानी जाती है…? विष्णुदेव साय की सरकार बनने पर मंत्रियों में ओपी चौधरी की ठीक- ठाक चल रही है, शुरू में पी. दयानन्द, राहुल भगत की चली,अब इनके ऊपर सुबोध सिँह की नियुक्ति के बाद स्थिति कुछ बदली है, जनसंपर्क आयुक्त डॉ रवि मित्तल भी सीएम के काफ़ी करीबी हैं। पुलिस अफसरों में एडीजी इंटेलिजेंस अमित कुमार,आईजी रायपुर और एसीबी,ईओडब्लू अमरेश मिश्रा,आईजी बस्तर पी. सुंदरराज सरकार की गुड लिस्ट में हैं।
आईजी सुंदरराज की
जगह कौन…..?
छ्ग के नक्सली पीड़ित क्षेत्र बस्तर में कुछ सालों से कमान सम्हाल रहे आईपी एस पी सुन्दरराज, पुलिस अकादमी हैदराबाद में कुछ दिन गुजरना चाहते हैं, छ्ग सरकार के समक्ष यह मंशा भी जाहिर कर दी है पर परेशानी यह है कि उनका विकल्प कौन होगा.?बस्तर के नक्सली मोर्चे की कमान संभाल रहे पी.सुंदरराज को बस्तर आईजी की ज़ब से कमान सौंपी गई है तब से छुटपुट घटनाओं को छोड़ नक्सली क्षेत्र में एक तरह से शांति ही है।नक्सलीमोर्चे के एक्सपर्ट माने जाने वाले पी.सुंदरराज बस्तर में शांति पूर्ण तरीके से नक्सलियों के लिब्रिटेड जोन को भेद रहे हैं।शांत छवि के साथ सम स्याओं को ध्यान में रखकर काम करने वाले सुंदरराज को बस्तर से नक्सली मुक्त कराने का ब्लूप्रिंट तैयार कराकर ही भेजा गया था। गौरतलब है कि बस्तर में पहले एसपी, डीआईजी और प्रभारी आईजी की कमान संभाल चुके हैं वहीं बस्तर में मोबाइल नेटवर्क मजबूत करने से लेकर नक्सलियों के कोर एरिया को भेदने की रणनीति में उन्हें महारत हासिल है।
और अब बस…..
0छ्ग मंत्रिमंडल से क्या 1-2 मंत्री हटाये जा सकते हैं,वैसे कुछ का विभाग बदलना तो तय है…?
0रायपुर जेल में बंद रहे, मुठभेड़ में मारे गये अमन साहू का जेल में फोटो शूट चर्चा में है…?
0छ्ग मंत्रिमंडल के किसी सदस्य (श्रम मंत्री) को संभवत:पहली बार संगठन से नोटिस मिला है..?
0सीएम विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025’ को स्वीकृति दी है।