July 21, 2025

दो किशोरी बालिका सुश्री अंशिका सुराणा और इनकी छोटी बहन सुश्री स्नेहा सुराणा का दीक्षा पूर्व अभिनंदन समारोह सम्पन्न

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मनेंद्रगढ़।एमसीबी। मनेंद्रगढ़ शहर की दो किशोरी बालिका सुश्री अंशिका सुराणा और इनकी छोटी बहन सुश्री स्नेहा सुराणा ने ओसवाल भवन में दीक्षा पूर्व अभिनंदन समारोह इनका हुआ इनके द्वारा संसार का भोग त्याग कर बैराग जीवन अपनाया जा रहा है इनका 20 अप्रैल को राजस्थान बीकानेर के गंगाशहर में दीक्षा ग्रहण करेंगी।

मां पिता के लिए यह क्षण कितना मार्मिक होगा कि अपने जिगर के टुकड़े को खुद दीक्षा अभिनंदन समारोह में शामिल होकर उनके बैरागी जीवन में प्रवेश अपने व पूरे समाज के सामने समर्पण करने का यह एक अनोखा ही अभिनंदन समारोह है।
नरेंद्र सुराणा व श्रीमती जयश्री सुराणा की सुपुत्री मुमुक्षु आशिका सुराणा का जन्म 12.07.2006 को नोखा, राजस्थान में हुआ,व्यावहारिक शिक्षा:12 वीं पास करके
वैराग्यकाल लगभग 8 महीने से धार्मिक अध्ययन में श्री दशवेकानिक सूत्र ((1-4 अध्ययन) श्री उत्तराध्ययन सूत्र (1 अध्ययन), पुच्छिसुणे, लघुदण्डक, गति-अगति, जीवधड़ा श्री भगवती सूत्र, प्रज्ञापना सूत्र के कुछ थोकड़े
धार्मिक परीक्षाएँ : जैन संस्कार पाठ्यक्रम (1-5) करके लगभग 100 किमी की पदयात्रा की है,
बहन मुमुक्षु सुश्री स्नेहा सुराणा दिल्ली में 01-07-2010 जन्मी मुमुक्षु स्नेहा सुराणा ने अपने लगभग 8 महीने धार्मिक अध्ययन में श्री दशवैकालिक सूत्र (1-4 अध्ययन), श्री उत्तराध्ययन या अध्ययन), पुच्छिसुणे, लघुदण्डक, गुति-अगति जीवधड़ा, श्री भगवतीसूत्र, प्रज्ञापना सूत्र के कुछ।थोकड़े धार्मिक परीक्षाएँ: जैन संस्कार पाठ्‌यक्रम (1-2) करके पदयात्रा : लगभग 100 कि.मी.की पदयात्रा की है।
इस अवसर पर पिता नरेंद्र सुराणा ने समाज से मार्मिक अपील करते हुए कहा की हमें जो मनुष्य का जन्म मिला है, कर्मों को करने के लिए मिला है, कर्म पालने के लिए नहीं मिला है, सभी जीवों को जीवनदान देता है, जो सर्वश्रेष्ठ मार्ग है उसमें चलें और सभी दूसरे जियो को सहायता पहुंचाएं ।

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