श्रीराम के पुत्र कुश को दक्षिण कौशल का साम्राज्य तो लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के पुत्रों को भी राजपाठ…..
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वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडे की कलम…{किश्त 252}
छत्तीसगढ़ को दक्षिण कौशल भी कहा जाता था, यह श्रीराम का ननिहाल, माँ कौशल्या का गृह प्रदेश था तो श्रीराम के बाद उनके बेटे कुश को दक्षिण कौशल (छत्तीसगढ़)का राजपाठ भी मिला था। वहीँ श्रीराम के अन्य भाइयोँ के पुत्रों को भी अलग-अलग राज्यों का साम्राज्य सौंपा गया था। वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि सीताजी के धरती में समाने के बाद राम ने जल समाधि ले ली।श्रीराम के जलसमाधि लेने के बाद उनके जुड़वां बेटों लव-कुश का क्या हुआ…? लक्ष्मण शत्रुघ्न और भरत के बेटों का क्या हुआ?अयोध्या में श्रीराम ने लंबे समय तक राजपाट संभाला। फिर गुरु वशिष्ठ और ब्रह्माजी ने उनको संसार से मुक्त होने का आदेश दिया,अश्विन पूर्णिमा के दिन श्रीराम ने सरयू के किनारे जलसमाधि लेकर महाप्रयाण किया,राम ने ब्रह्ममुहूर्त में सरयू नदी की तरफ प्रस्थान किया उनके पीछे भरत,शत्रुघ्न, उर्मिला,मांडवी,श्रुतकीर्ति ने भी तो जलसमाधि ले ली। लक्ष्मण पहले श्रीराम के आदेश पर जलसमाधि ले चुके थे।संभव है ये कथा आप में से ज्यादातर ने सुनी हो,लेकिन,क्या आप जानते हैं कि श्रीराम के जल समाधि लेने के बाद उनके दोनों बेटों लव और कुश का क्या हुआ? इसके अलावा बाकी सभी भाइयों के बच्चे कहां गए..?श्रीराम ने कुश को दक्षिण कौशल प्रदेश(अब छत्तीसगढ़ ),लव को उत्तर कौशल का साम्राज्य सौँपा, इतिहासकारों की मानेँ तो कुश को दक्षिण कौशल, कुशस्थली(अब कुशावती) और अयोध्या राज्य सौँपा, वहीँ लव को पंजाब दिया गया,लव ने मौजूदा पाकिस्तान के लाहौर को अपनी राजधानी बनाया था। भरत के बेटे तक्ष को आज के तक्षशिला और पुष्करावती (आज का पेशावर) राज्य सौँपा था। लक्ष्मण के पुत्र को आज के हिमाचल, अंग़दपुर, चंद्रकेतु को चंद्रवती का राजा बनाया था।शत्रुघ्न के बेटे सुबाहु को मथुरा, शत्रु घाती को भेलसा (विदिशा) का साम्राज्य दिया था। कालिदास रघुवंश में साम्राज्य बाँटने का उल्लेख किया है।श्रीराम के समय उनका राज्य उत्तर और दक्षिण कौशल में बँटा था। कालिदास के रघुवंश के मुताबिक श्रीराम ने अपने बेटे लव को शरावती,कुश को कुशावती का राज्य दिया था। यदि शरावती को श्रावस्ती माना जाए तो लव का साम्राज्य उत्तर भारत में होगा वहीँ कुश का राज्य दक्षिण कौशल में होगा,कुश की राजधानी कुशावती आज के बिलासपुर जिले में रही होगी, वैसे दक्षिण कौशल को माँ कौशल्या की जन्म भूमि माना जाता है। रघुवंश के मुताबिक कुश को अयोध्या जाने के लिये विंध्याचल को पार करना पड़ता था, इससे स्पष्ट होता है उनका साम्राज्य दक्षिण कौशल में था।